पटना 04 मई 2024
जद(यू) प्रदेश कार्यालय में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रदेश प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव, प्रदेश प्रवक्ता हिमराज राम और अंजुम आरा ने संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव पर तथ्यों की जानकारी नहीं होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज जिस कांग्रेस की गोद में बैठकर तेजस्वी आरक्षण और संविधान पर खतरे को लेकर अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं उसे लेकर तेजस्वी यादव को पहले एक बार तथ्यों को जांच लेना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव को बोलने से पहले अपना ज्ञानवर्धन कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस की ही सरकार थी, जिसकी मुखिया स्व. इंदिरा गांधी ने संविधान में बदलाव को लेकर शिक्षाविदों, कानूनविदों और संविधान विशेषज्ञों से राय ली थी। बाद में उनकी असहमति के बाद उन्होंने संविधान में जबरन संशोधन कराए और न्यायपालिका के अधिकारों को कतरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हिटलरशाही रवैये के चलते लोगों ने उस समय बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के लिखे संविधान को ब्वदेजपजनजपवद व् िप्दकपं नहीं कहकर ब्वदेजपजनजपवद व् िप्दकपतं कहना शुरु कर दिया था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दलितों और पिछड़ों को सालों आरक्षण से वंचित रखा और उनके अधिकारों पर कुंडली मारकर बैठी रही। साल 1955 में काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट आने के बाद भी कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने इसे कूड़ेदान में फेंक दिया जिसके चलते दलितों और पिछड़ों को उनका वाजिब हक नहीं मिल सका। उन्होंने कहा इसी तरह साल 1980 में आयी मंडल आयोग रिपोर्ट को भी कांग्रेस ने दस सालों तक दबाए रखा जिससे शोषितों वंचितों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सके। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि चुनावों में वोट लेने के मकसद से तेजस्वी यादव लोगों के बीच संविधान को लेकर गलतबयानी कर रहे हैं और लोगों को भरमा रहे हैं।
इस दौरान पार्टी प्रवक्ताओं ने तेजस्वी यादव से कुछ अहम सवाल पूछे:
- क्या ये सही नहीं है कि कांग्रेस ने साल 1976 में संविधान का 42वां संशोधन लाकर लोगों के मौलिक अधिकार में कटौती करने की कोशिश की?
- क्या ये सही नहीं है कि आपातकाल के दौरान कांग्रेस ने संविधान में मनमर्जी से बदलाव किए और न्यायपालिका के अधिकारों को कुचलने की कोशिश की?
- क्या ये सही नहीं है कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में हरेक साल संविधान में दो संशोधन किए? जबकि नरेंद्र मोदी के 10 सालों के कार्यकाल में महज 8 संशोधन ही हुए?क्या ज्यादा सांविधानिक संशोधन कर कांग्रेस ने संविधान की मूल भावना को कुचलने की कोशिश नहीं की?
- क्या तत्कालीन इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार ने 42वां सांविधानिक संशोधन कर राज्यों के हक को छीनने की कोशिश नहीं की?
- क्या ये सही नहीं है कि बिहार में कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को समर्थन नहीं मिलता देख दोनों पार्टियां मिलकर देश का संविधान बदले जाने और आरक्षण समाप्त किए जाने का भ्रामक प्रचार कर रही हैं?
- तेजस्वी यादव ये बताएं कि क्या ये सही नहीं है कि कांग्रेस ने काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दलितों और पिछड़ों की हकमारी की?
- क्या ये सही नहीं है कि मंडल आयोग की रिपोर्ट को कांग्रेस सरकार ने 10 सालों तक ठंडे बस्ते में डालकर समाज के कमजोर शोषित वर्गो के साथ अन्याय किया?
पार्टी प्रवक्ताओं ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव को देख तेजस्वी यादव कांग्रेस की असलियत को लोगों से छिपा रहे हैं लेकिन राज्य की जनता ये बखूबी जान रही है कि तेजस्वी यादव चुनावी फायदे के लिए गलतबयानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और कांग्रेस के इस झूठ का जवाब जनता वोटों के माध्यम से देने का काम करेगी और राज्य में एनडीए को 40 की 40 सीटें जिताने का काम करेगी।