पटना, 09 जुलाई 2024

लीक लीक गाड़ी चलै, लीकै चले कपूत..लीक छारी तीनै चलै शायर, सिंह, कपूत’ कुछ इसी कहावत को बयां कर जद(यू) विधान पार्षद सह प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा। मीडिया में जारी एक बयान में उन्होंने आरजेडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने बिहार में लीक से हटकर काम किया तभी तो उन्होंने अपने शासनकाल में लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी दी जबकि लालू प्रसाद यादव ने अपने शासनकाल में नौकरी के बदले लोगों से जमीनें लिखवाई और पटना के नव जमींदार बन गए।

तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की सरकार ने नौकरी देने का काम किया जबकि लालू प्रसाद यादव ने नौकरी के लिए अपने परिवार को भी नहीं छोड़ा और उनसे जमीनें लिखवाई। उन्होंने कहा कि लालू यादव के बड़े भाई मंगरु यादव की पुत्रवधू गुंजन यादव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में कार्यालय सहायक की नौकरी मिली और उसके बदले उनसे कोई जमीन नहीं लिखवाई गई जबकि वही मंगरू यादव के दो बेटों को रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लालू प्रसाद यादव ने उनसे जमीन लिखवाई।

उन्होंने आरजेडी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने युवाओं को नौकरी देने का काम किया वहीं लालू प्रसाद यादव ने नौकरी के बदले लोगों से जमीनें लिखवाई तभी तो आज लालू प्रसाद यादव के पास पटना में 43 बीघा 12 कट्ठा, मुजफ्फरपुर में 23 बीघा, औरंगाबाद में, छपरा में, गोपालगंज में जमीनें हैं और वो आज के नव जमींदार हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या उनको पता है कि उनके माता-पिता के शासनकाल में बिहार की कितनी बेटियों को नौकरी मिली थी? उन्होंने कहा कि आज देशभर में महिला पुलिसबलों में बेटियों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा बिहार में है।

साल 1990 से लेकर 2005 तक के लालू-राबड़ी शासनकाल के दौरान युवाओं को मिली नौकरियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान डीएसपी, दारोगा और सिपाही पदों पर स्थायी नियुक्तियां महज 19 हजार 538 लोगों की हुई थी। वहीं उन्होंने कहा कि जब से राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की सरकार आयी है तब से बिहार में सिपाही पद पर 2 लाख 14 हजार 600 लोगों की भर्ती हुई है। वहीं उन्होंने शिक्षकों की भर्ती को लेकर तेजस्वी यादव पर जानकारी का अभाव होने का आरोप लगाया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के शासनकाल में साल 2005 से लेकर 2021 तक 3 लाख 43 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई है।

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