पटना 14 सितम्बर 2024
पर्युषण पर्व में आत्मा के दस स्वभाव पर कैसे विजय पाया जाए इसी को बताया जाता है। दस दिवसीय जैन पर्युषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म की पूजा होती है. आज श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर काँग्रेस मैदान, कदमकुआं सहित मीठापुर , मुरादपुर , गुलजारबाग आदि जैन मंदिरों में शान्ति धारा ,पूजा किया गया। काँग्रेस मैदान, कदमकुआं जैन मंदिर में सात प्रतिमाधारी ब्रह्मचारिणी प्राची दीदी एवं तीन प्रतिमाधारी पूजा दीदी ने सैकड़ों की संख्या में उपस्थित जैन श्रावकों को मानव धर्म उत्तम तप धर्म की संगीतमय पूजा कराई।
पूरे पूजा को अपने संगीत से पिरो रहें हैं फिरोजाबाद से पधारे मशहूर जैन संगीतकार शैंकी जैन एवं उनकी पार्टी तथा पूजा में सभी श्रावकों को सहयोग कर रहे हैं सागर से पधारे पुजारी पवन जैन. शांतिधारा के बाद श्रीपार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में तप धर्म की पूजा ब्रह्मचारिणी प्राची दीदी ने श्रद्धालुओं को कराई. ब्रह्मचारिणी प्राची दीदी ने बताया कि सामान्य भाषा में तप का अर्थ शरीर को कष्ट देना, शरीर को कृष करना तथा अनेक प्रकार की पीड़ाएँ सहन करना है। यह तप का शारीरिक अथवा वाह्य पक्ष है। आत्मिक दृष्टि से तप आत्मा के दोषों को निर्मूल करके उसे निर्मल बनाना है। तप की आग में पूर्व के कर्मो का प्रज्ज्वलन हो जाता है तब आत्मा अपने शुद्ध चैतन्य स्वरूप में चमकती है।
ब्रह्मचारिणी प्राची दीदी ने श्रधालुओं से कहा जो तप भौतिक सुखों की प्राप्ति लिए किया जाता है वह कुतप है। यहां भोग को नहीं योग को, त्याग को स्थान मिला है। तप आत्मशोधन का परम साधन है। अग्नि में तपने पर ही स्वर्ण में शुद्धता प्रकट होती है। इस प्रकार तप लौकिक दृष्टि से साधना में मन की एकाग्रता है, तो आध्यात्मिक दृष्टि से यह अग्नि है, जिसमे मन के कषाय (क्रोध,मान, माया, लोभ ) वासनाएं जल जाती है तथा आत्मा का शुद्ध चैतन्य स्वभाव प्रदीप्त हो उठता है।
बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी के सचिव पराग जैन ने बताया कि सेठ सुदर्शन स्वामीजी की निर्वाण स्थली श्री कमलदहजी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र, गुलजारबाग तथा राजगीर, पावापुर, कुंडलपुर, चम्पापुर आदि स्थानों पर भी काफी अधिक संख्या में श्रद्धालु दशलक्षण पर्व की पूजा अर्चना कर रहे हैं. कमलदह जैन मंदिर में शांतिधारा के पुन्यार्जक परिवार हैं सुनील काला परिवार, अतुल जैन परिवार, विमल देवी परिवार एवं कांतिलाल जी जैन परिवार. एमपी जैन ने बताया कि रविवार को दशलक्षण पर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म की पूजा की जायेगी.