पटना 20 सितम्बर 2024

को बिहार विद्यापीठ देशरत्न राजेन्द्र प्रसाद शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय द्वारा हिन्दी पखवाड़ा के आयोजन का समापन किया गया। इस अवसर पर हिन्दी के महत्व और उसके प्रयोग पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम की रंगारंग प्रस्तुति बी. एड. एवं डी.एल.एड के प्रशिक्षुओं द्वारा की गई।

इस अवसर पर बिहार विद्यापीठ के सचिव, डॉ राणा अवधेश भा. प्र. से. (से.नि.)ने हिन्दी के राजभाषा एवं राष्ट्र भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी का शब्द कोष वृहद है। हम मानवीय संवेदनाओं को सहजता से अभिव्यक्त कर सकते हैं। इसलिए हिंदी का प्रयोग गर्व के साथ अधिक से अधिक हो। उन्होंने हिन्दी साहित्य के पद्य का उद्धरण प्रस्तुत करते हुए सभी रसों के भाव से अनुभूत करवाया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पूनम वर्मा ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा हिन्दी को हम सम्मान दें और स्वयं सम्मानित हों।

अवधेश के नारायण, सहायक सचिव, बिहार विद्यापीठ ने राजभाषा हिंदी की सांविधानिक दर्जा प्राप्त होने तथा उसके अधिकाधिक प्रयोग पर बल देते हुए कहा कि मानव मातृभाषा में ही मौलिक चिंतन करता है इसलिए यदि मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन का कार्य किया जाए तो नये नये आविस्कर की संभावनाएं बढ़ जाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने भी मातृभाषा या स्थानीय भाषा में अध्ययन अध्यापन की स्वीकृति प्रदान की है।

बिहार विद्यापीठ के वित्त मंत्री विवेक रंजन ने गीत एवं गजल की प्रस्तुति से हिन्दी की महत्ता को उजागर किया। इस अवसर पर सहायक मंत्री, उर्मिला कुमारी, मिताली मित्रा, रजनी रंजन, डॉ रीना चौधरी, डॉ शादमा शाहीन, रिम्पल कुमारी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रीय भूमिका निभाई।

बी.एड. प्रशिक्षु अंकित ने हिंदी की महत्ता पर एक कविता प्रस्तुत किया। सहायक प्राध्यापक चंद्रकांत आर्या ने कविता प्रस्तुत किया। बी.एड. प्रशिक्षु बेनी और साधना ने (रंगीलो मारो ढोलना) प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन बी.एड. अंकित और बेबी ने किया। सहायक प्राध्यापक चंद्रकांत आर्या ने आगत अथितियों तथा इस कार्यक्रम का आयोजन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े व्यक्तयों को आभार व्यक्त किया।

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