पटना 27 सितम्बर 2024

तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने बताया कि तंबाकू का सबसे अधिक दुष्प्रभाव स्कूली बच्चों एवं युवाओं पर पड़ रहा है। बच्चों और अवयस्कों को तम्बाकू सेवन की लत से बचाने के लिए समाज के सभी वर्गों को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है, ताकि हम अपने आने वाले युवा पीढ़ी को इसकी भयावहता से बचा सकें।

श्री पांडेय ने इसी के साथ राज्य में “तम्बाकू मुक्त युवा अभियान” के दूसरे चरण की शुरुआत की। यह अभियान अगले दो महीने तक चलेगा। इस 60-दिवसीय अभियान में पांच प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, जिसमें तम्बाकू के खतरों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना, स्कूलों और कॉलेजों को तंबाकू से मुक्त रखने के लिए दिशा निर्देशों के अनुपालन में सुधार करना, तंबाकू तक युवाओं की पहुंच को सीमित करना, कोटपा 2003 और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम (पेका) 2019 के प्रवर्तन को मजबूत करना, तंबाकू-मुक्त गांवों को बढ़ावा देना शामिल है। जिससे आने वाली पीढ़ी को तम्बाकू के दूष्परिणामों से बचा सकें और हमारा “तम्बाकू मुक्त बिहार“ का सपना साकार हो सके।

श्री पांडेय ने कहा कि हमारे राज्य में तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 53 .5 प्रतिशत से घट कर 25.9 प्रतिशत पर आ गया है। साथ ही ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे 2021 के आकड़ों के मुताबिक हमारे राज्य में 13-15 वर्ष के बच्चों में तम्बाकू सेवन का प्रतिशत 7.3 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत (8.5 प्रतिशत) से कम है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीड्स के कार्यपालक निदेशक श्री दीपक मिश्रा ने तम्बाकू जनित रोगों की जानकारी दी।

कार्यशाला में प्रसाशी पदाधिकारी राजेश कुमार, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अमिताभ कुमार सिन्हा, वाइटल स्ट्रेटेजी के वरीय तकनीकी सलाहकार डॉ अमित यादव, सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा तथा राज्य के विभिन्न जिलों से आये गैर संचारी रोग पदाधिकारी सह जिला नोडल पदाधिकारी उपस्थित थे।कार्यशाला का आयोजन राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार एवं तकनीकी सहयोगी संस्था सोसिओ इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के संयुक्त तत्वाधान में किया गया था।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published.