नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में निरंजन लाल व्यास के नेतृत्व में 10 दिवसीय रामलीला का मंचन हो रहा है। शुक्रवार को रामलीला के दूसरे दिन श्री दशहरा कमेटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव का उद्घाटन कुम्हरार विधायक माननीय श्री अरुण कुमार सिंह एवं अन्य ने किया। इसके बाद आरती की गई।
कदमकुआं स्थित नागाबाबा ठाकुरबाड़ी में दस दिवसीय श्री रामलीला महोत्सव के दूसरे दिन में रावण कुंभकरण तपस्या, दिगविजय, पृथ्वी पुकार, श्री राम जन्म प्रसंग का मंचन किया गया। मंचन में दिखाया गया कि किस तरह से राजा दशरथ अपने मंत्रियों के समक्ष पुत्र के सुख और दुख को व्यक्त करते हुए गरु वशिष्ठ के पास जाते हैं। और अपना दुखरा सुनाने लगते हैं। राज दशरथ गुरु वशिष्ठ से कहते हैं गुरुदेव आपके होते हुए क्या मेरे पुत्र नहीं होंगे। क्या मैं पुत्र सुख से वंचित रहूंगा। तो गुरुदेव उन्हें आश्वसत करते हैं राजन पुत्रिष्ठ यज्ञ कराईए। और इस यज्ञ के द्वारा आपको चार पुत्रों की प्राप्ति होगी।
मनोरमा घाट पर यज्ञ प्रारंभ कराईए। दशरथ जी ने यही किया। यज्ञ में सिंगी ऋषि जी ने चार आहुति दी। जबकि उनके एक अहुति में ही अग्निदेव प्रकट हो जाया करते थे। दशरथ ने पूछा कारण क्या है वशिष्ठ जी अग्निदेव प्रकट नहीं हो रहे हैं। वशिष्ठ जी ने कहा इनके कुल में रंगनाथ भगवान की पूजा होती है। रंगनाथ भगवान की आहुति देनी होगी। सिंगी ऋषि ने रंगनाथ भगवान की आहुति दी। यज्ञ के बाद राजा दशरथ को चार पुत्रों की प्राप्ति हुई। जिसके बाद नगर वासी बधाईया गाने लगे। बड़े ही भव्य रूप से ठाकुरबाड़ी में भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया गया। सभी भगवान की जयजयकार करने लगे। भगवान के बाल रूप का दर्शन करते हुए राजा दशरथ ने गुरु वशिष्ठ को बुलाया और निवेदन किया कि आप इन लोगों का नामकरण कीजिए। वशिष्ठ जी महाराज ने उनका नामकरण किया।
इस प्रकार से भगवान विद्या लेने के लिए वशिष्ठ जी के पास गए। विद्या लेने के बाद महलों में आए। विश्वामित्र ने राजादशरथ से दोनों भाईयों को मांगकर ले गए। और सुबाहु, मारीच और तारिका का वध कराया।
इस अवसर पर अध्यक्ष अरुण कुमार, संयोजक मुकेशनंदन, सह संयोजक राकेश कुमार, चेयरमैन कमल नोपानी, सुषमा साहू. राजेश बजाज, धनंजय कुमार, प्रिंस कुमार राजू आदि उपस्थित रहे।