पटना 03 नवम्बर 2024

बिहार कांग्रेस ने बिजली विभाग के स्मार्ट मीटर को एक बार फिर कठघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया है कि आखिर यह बिहार के हित में कैसे है? बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने स्मार्ट मीटर ऐप में 28 अक्टूबर से आई गड़बड़ी पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिवाली जैसे प्रकाश पर्व पर बिजली विभाग ने खुद स्वीकार किया कि 18 लाख स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को उसने बेबस और लाचार कर दिया कि वें न तो बैलेंस चेक कर पा रहे थे और न ही बैलेंस खत्म होने की स्थिति में रिचार्ज कर पा रहे थे जो कि बताने को काफी है कि बिहार सरकार और बिजली कम्पनियां अभी भी स्मार्ट मीटर के सुचारू संचालन के लिए पूरी तरीके से तैयार नहीं है। जब सरकारी आंकड़ों में यह संख्या है तो असल आंकड़े साबित करते हैं कि शत प्रतिशत स्मार्ट मीटर बिजली उपभोक्ता इससे परेशान होंगे।

बिहार कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि दिवाली जैसे पर्व पर जहां कारोबारियों और आम घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली की ही जरूरत होती है वैसे में उन्हें बेबस और लाचार छोड़ कर बिजली विभाग ने फिर से साबित किया कि स्मार्ट मीटर केवल कंपनियों को लाभ पहुंचाने के एवज में बिहार में लाई गई है।

आगे उन्होंने कहा कि इसका न तो कोई व्यवहारिक लाभ है और न ही कोई उपयोगिता के स्तर पर ही लाभ है। उन्होंने बिजली विभाग से और बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार से अविलंब इसे बंद करने और स्मार्ट मीटर को हटाकर पुराने मीटर को लगाने की अपील की ताकि आम उपभोक्ता भविष्य में परेशान न हो।

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