पटना 04 नवम्बर 2024
पटना के हरी नगर सोसाइटी में एकदिवसीय ओशो ध्यान शिविर का आयोजन किया गया। इस ध्यान शिविर में बिहार के अलावा महाराष्ट्र, बंगाल एवं अन्य जगहों के लोग शरीक हुए। शिविर में पूरे दिन ओशो की ध्यान विधियां जैसे कीर्तन, नटराज ध्यान, हास्य ध्यान, वृक्ष नृत्य ध्यान, सुनना ध्यान के अतिरिक्त संध्या सत्संग हुआ। संन्यास उत्सव के बाद ओशो एक दिवसीय ध्यान शिविर का समापन हुआ।
शिविर का संचालन महाराष्ट्र से आए हुए गीतकार स्वामी गोपाल भारती ने किया। इस शिविर की विशेषता यह थी कि इसमें शाम के समय गीत संगीत का भी एक कार्यक्रम हुआ जिसमें सारे ही ओशो के शिष्यों ने भाग लिया। पुलिस इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत हुए स्वामी ध्यान तृषा के सम्मान में यह कार्यक्रम रखा गया था। स्वामी ध्यान तृषा का पूरा परिवार संगीत से जुड़ा हुआ है ।
मौके पर स्वयं स्वामी ध्यान तृषा ने ओशो तरंग पर तबलावादक स्वामी ध्यान चमन के साथ संगीत की प्रस्तुति दी। बिहार की लोक गायिका डॉ रंजना झा उर्फ मा संगीत दिव्यम ने भी “पागलों की इस बस्ती में एक पागल और आया” ,एवं “जब से तूने संन्यास दिया” आदि गीत प्रस्तुत किये। सरोद पर स्वामी अनिल सरस्वती ने तबलावादक महेंद्र कुमार के साथ किरवानी राग बजाई। इस मौके पर पांच लोगों की संन्यास दीक्षा भी हुई, जिसमें बिहार के सुप्रसिद्ध गैस्ट्रोलॉजी के डॉक्टर बीके अग्रवाल, समाज सेवी कृष्ण कुमार सारस्वत , प्रिन्सिपल प्रमोद कुमार , गायिका रश्मि एवं आतिश के नाम उल्लेखनीय है। संन्यास दीक्षा में डॉ बी के अग्रवाल को नया नाम मिला स्वामी पार्थ सारथी,और कृष्ण कुमार सारस्वत को नया नाम मिला स्वामी कृष्ण मुरारी का।
एम पी जैन ने बताया कि इस एक दिवसीय ध्यान शिविर में ध्यान, संगीत और संन्यास दीक्षा का आनंदपूर्ण वातावरण बनाने में कृष्ण कुमार सारस्वत, दिनेश अग्रवाल, स्वामी संजीव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,