रांची 19 मार्च 2024
लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड में झामुमो बड़ा झटका लगा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक सीता सोरेन ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और इसके कुछ देर बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। बताते चलें कि तीन बार की विधायक और जेएमएम महासचिव सीता सोरेन ने बीजेपी का दामन थामने के बाद पीएम मोदी की जमकर तारीफ भी की।

उन्होंने कहा कि वह मोदी जी की सोच से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हो रही हैं। झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी और शिबू सोरेन की बहु के सीता सोरेन बीजेपी में शामिल होने से झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को बड़ा झटका लगा है। शिबू सोरेन के दिवंगत बड़े बेटे दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन जेएमएम की महासचिव थीं। तीन बार विधायक चुनी गईं। मौजूदा समय से जामा सीट से विधायक हैं। मंगलवार को सीता सोरेन ने पार्टी अध्यक्ष यानी अपने ससुर शिबू सोरेन को ईमेल के माध्यम से एक पत्र लिखकर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।
बताया जा रहा है कि सीता सोरेन में विधायक पद से भी अपना इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों कि माने तो सीता सोरेन ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में लिखा है कि मैंने विभिन्न कारणों से झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा के सिम्बल पर जामा विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक हूं। नैतिकता का तकाजा है कि पार्टी छोड़ने से उत्पन्न परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए विधायक पद का भी परित्याग कर रही हूं।
मीडिया सूत्रों के अनुसार उन्होंने पार्टी में अपनी और अपने परिवार की उपेक्षा करने और उनके एवं उनके परिवार के खिलाफ गहरी साजिश रचने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ” मेरे स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे। उनके निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का का शिकार रहे हैं। पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमें अलग-थलग किया गया है, जो मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है। मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेंगी। लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। झारखंड मुक्ति मोर्चा को मेरे स्व. पति ने अपने त्याग और समर्पण, नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया। आज वह पार्टी नहीं रही। मुझे यह देखकर गहरा दुख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गई है, जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते।