पटना 25 सितम्बर 2024
बिहार के कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय द्वारा आज नई दिल्ली में फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित इण्डिया मेज समिट के 10वाँ संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया गया। कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि मक्का उत्पादन में बिहार देश में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश के कुल मक्का उत्पादन में बिहार का योगदान लगभग 11 प्रतिशत है। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान तथा महाराष्ट्र के बाद बिहार देश का 5वाँ सबसे बड़ा मक्का उत्पादक राज्य है।
माननीय मंत्री ने कहा कि बिहार के किसान काफी मेहनती हैं। किसानों के मेहनत का ही नतीजा है कि बिहार को पूरे देष में मक्का उत्पादन के लिए राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है। बिहार की सरकार राज्य में मक्का के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने के साथ-साथ किसानों को उनके फसलों का अधिक-से-अधिक मूल्य दिलाने के लिए कृतसंकल्पित होकर कार्य कर रही है। सरकार का प्रयास है कि बिहार को मक्का निर्यातक राज्य के रूप में विकसित किया जाये।
फिक्की के सम्मेलन को सम्बोधित करने के उपरांत माननीय मंत्री ने कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल के साथ राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रमुख बीज उत्पादक कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ अलग से बैठक की। उक्त बैठक मंे माननीय मंत्री ने सभी बीज उत्पादक कंपनियों को बिहार में बीज उत्पादन का कार्य प्रारंभ करने का सुझाव दिया। माननीय मंत्री ने कहा कि राज्य में रबी एवं गर्मा मक्का में लगभग 100 प्रतिशत संकर ;भ्लइतपकद्ध बीज का उपयोग किसानों द्वारा किया जाता है। संकर मक्का बीज की आपूर्ति वर्त्तमान में अन्य राज्यों से किया जा रहा है। राज्य में संकर मक्का बीज उत्पादन हेतु सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है। राज्य में बीज उत्पादन हेतु नीति तैयार की गई है। बीज उत्पादन हेतु आवश्यक सभी सहयोग के लिए राज्य सरकार तत्पर है। कृषि विभाग के पास उपलब्ध बीज गुणन प्रक्षेत्र भी बीज उत्पादन हेतु निजी बीज उत्पादक कंपनी को लीज पर उपलब्ध कराया जायेगा इसके लिए विभाग द्वारा एक सप्ताह के अंदर निविदा प्रकाशित किया जायेगा।
माननीय मंत्री ने बताया कि बैठक में अधिकांष बड़े बीज उत्पादक कंपनियों ने बिहार में हाईब्रीड बीज उत्पादन कार्य करने पर अपनी सहमति व्यक्त की। बिहार में इसी वर्ष रबी मौसम से मक्का, सरसों एवं धान के हाईब्रीड बीज उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया जायेगा। इसके लिए ट्रायल/परीक्षण का कार्य शीघ्र ही प्रारंभ किया जायेगा।
राज्य की सरकार ने राज्य में कृषि के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए अलग से बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति लाई है, जिसमें पहली बार कैपिटल सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके तहत बीज प्रसंस्करण से लेकर फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में 25 प्रतिशत तक कैपिटल सब्सिडी का लाभ लिया जा सकता है। राज्य सरकार की इथेनॉल प्रोत्साहन नीति, 2021 से भी मक्का उत्पादक किसानों को फायदा हो रहा है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि बिहार राज्य में मक्का उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण तथा बीज उत्पादन के क्षेत्र में असीम संभावनाएँ हैं। सरकार के सकारात्मक प्रयासों से राज्य में कई निजी कम्पनियों ने मक्का भंडारण हेतु आधारभूत संरचनाओं का विकास किया है। जिसके फलस्वरूप राज्य में मक्का भंडारण की क्षमता लगभग 5 लाख मे0 टन हो गई है। इस क्षेत्र में असीम संभावनाएँ है। उन्होंने फिक्की के समिट में उपस्थित सभी उद्योगपतियों एवं संस्थानों से बिहार में मक्का आधारित उद्योग एवं बीज उत्पादन हेतु खेती करने तथा प्रसंस्करण इकाई लगाने की अपील किया। उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार बिहार में निवेश करने के लिए इच्छुक सभी उद्यमियों का स्वागत करेगी तथा उन्हें उद्योगों की स्थापना हेतु हर संभव मदद करेगी।
फिक्की द्वारा आयोजित इंडिया मेज समिट के 10वें संस्करण के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए सचिव, कृषि विभाग, श्री संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि राज्य में वर्ष 2023-24 में मक्का उत्पादन बढ़ा है। राज्य में मक्का फसल के क्षेत्र विस्तार, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं। गंगा के उत्तर और कोसी के दोनों तरफ पड़ने वाले जिले यथा पूर्णियाँ, कटिहार, भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया और समस्तीपुर मक्का उत्पादन के प्रमुख क्षेत्र के रूप में विकसित हुआ है। इन जिलों में बड़े और छोटे किसानों द्वारा औसतन 50 क्विंटल प्रति एकड़ के दर से मक्का का उत्पादकता प्राप्त किया गया है। खरीफ मक्का उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बीज उत्पादन पर राज्य सरकार कार्य कर रही है। राज्य में स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न के क्षेत्र विस्तार तथा मार्केट की व्यवस्था की जा रही है।