पटना, 28 अगस्त 2024
बुधवार को जद(यू0) प्रदेश कार्यालय, पटना में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में बिहार सरकार के माननीय ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, माननीय भवन निर्माण मंत्री जयंत राज और माननीय शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुंचे आमजनों की समस्याओं से रूबरू हुए एवं उनके त्वरित निष्पादन हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस मौके पर माननीय विधानपार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ ‘गांधी जी’, वरिय नेता प्रो नवीन आर्या चंद्रवंशी एवं श्री विनोद कुमार सिंह मौजूद रहे।
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए माननीय ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि देश के कई राज्यों में इंडी गठबंधन की सरकार है लेकिन किसी ने जातीय गणना कराने की दिशा में अब तक कोई ईमानदार पहल नहीं की है। यह दर्शाता है कि इंडी गठबंधन के नेतागण केवल सुर्खियों में बने रहने के लिए जातीय जनगणना का राग अलापते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए बिहार में जातीय गणना कराया और ससमय उसके आँकड़े भी प्रस्तुत किए। आज की परिस्थितियों में पूरा देश चाहता है कि जातीय जनगणना हो और शोषितों-वंचितों को उनका वाजिब हक मिले।
माननीय भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी अपराध से समझौता नहीं करते हैं। अगर कहीं आपराधिक घटनाएं घटित होती है तो प्रसाशन सख्त और त्वरित कार्रवाई करती है। साथ ही उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जब सरकार का हिस्सा होते हैं तो माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफों में कसीदे गढ़ते हैं और विपक्ष में जाते ही उन्हें कई कमियाँ नजर आने लगती है। तेजस्वी यादव की बातों को अब जनता गंभीरता से नहीं लेती है, उनकी कोई विश्वनीयता नहीं बची।
माननीय शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापना संबंधित नई नीति में दिव्यांग शिक्षक, असाध्य रोगों से पीड़ित शिक्षक, महिला शिक्षक एवं शिक्षक दंपत्ति से जुड़े मामले को प्राथमिकता दी जाएगी और विशेष परिस्थितियों का भी ख्याल रखा जाएगा। आॅनलाइन हाजिरी के संबंध में पूछे जाने पर श्री सुनील कुमार ने कहा कि पारदर्शिता लाने के लिए विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है। किसी भी व्यवस्था में बेहतरी के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, इससे समय की भी काफी बचत होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कहीं बाढ़ या जलजमाव जैसी स्थिति है तो संबंधित जिला अधिकारी विद्यालयों को बंद करने का निर्णय ले सकते हैं।