राज्य के दरभंगा जिले में एम्स निर्माण को तीव्र गति प्रदान करने के लिहाज से बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेशानुसार एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) को जमीन हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली। मंगलवार को सचिवालय स्थित विकास भवन सभागार में विभाग ने एम्स निर्माण के लिए शेष बची 37.31 एकड़ जमीन भी हस्तांतरित की। एम्स निदेशक को विभाग के विशेष सचिव ने जमीन के कागजात सौंप दिए। कार्यक्रम के दौरान सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि दरभंगा एम्स निर्माण के लिए बिहार सरकार ने 150.13 एकड़ जमीन केंद्र सरकार को पूर्व में हस्तांतरित कर दी गयी थी शेष 37.31 एकड़ जमीन और हस्तांतरित हो गयी। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत भी मौजूद थे।

श्री पांडेय ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में 2019-20 में दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स की स्वीकृति प्रदान की गई थी। 750 बेड वाले इस अस्पताल के लिए 2020 में 1 हजार 264 करोड़ राशि की मंजूर की गई थी। वर्तमान में संस्थान को नए स्वरुप में बनाने हेतु आईआईटी दिल्ली को जिम्मेदारी दी गई है। जिसमें अनुमानित व्यय और अधिक होगी। जिससे आठ करोड़ से ऊपर मिथिलावासियों सहित नेपाल और पूर्वाेत्तर राज्यों के लोगों को सुलभ स्वास्थ का सपना साकार होकर अब हकीकत में बदलने जा रहा है।

श्री पांडेय ने बताया कि जमीन का दस्तावेज स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव शशांक शेखर सिन्हा ने एम्स के कार्यपालक निदेशक सह सीइओ माधवानंद कर को सौंपा। दरभंगा एम्स के निर्माण के लिए कुल 187.44 एकड़ ज़मीन निर्धारित की गई है। जिसे सौंपने की प्रक्रिया माननीय मुख्यमंत्री जी के प्रयासो से पूर्ण हो गयी। इस परियोजना से क्षेत्र के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार होगा और स्थानीय लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शोभन बाइपास की जमीन को एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त बताया था। इसका निर्माण कार्य शीघ्र प्रधानमंत्री जी के द्वारा नींव रखकर माननीय मुख्यमंत्री जी के साथ शुरु किया जाएगा। जिसकी घोषणा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा कर चुके हैं।

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