पटना 23 अक्टूबर 2024
जिस आशा – उम्मीद और सपने एवं विश्वास के साथ 90% कमेरा वर्ग की सर्वाधिक शोषित – बंचित , उपेक्षित – उत्पीड़ित, तिरष्कारित – अपमानित जातियों और इंसानों ने स्वाधीनता संग्राम के दौरान अपना अवरण सहयोग – समर्थन, निर्णायक संघर्ष और कुर्बानियाँ देकर देश को आज़ाद कराया था . वह आशा – विश्वास , उम्मीद और सपना मात्र 10% लुटेरा वर्ग के कट्टर ब्राह्मण – पूँजी – सामन्तबादी साम्राज्य और व्यवस्था के कट्टर पोषक – समर्थक व्यक्तियों – परिवारों , जातियों – शक्तियों , संगठनों – राज़नैतिक दलों , इनके प्रमुखों , नेताओं और इनके नेतत्त्व में बनने बाली प्रदेशों एवं केंद्र सरकारों के चलते गणतंत्र के 75 बर्ष बाद भी पूरा नहीं हुआ हैँ . विश्व के सर्वश्रेष्ठ सम्मान से सम्मानित प्रथम राष्ट्र कवि रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा गीतांजलि में जिस आज़ाद भारत का उल्लेख किया और जिस आज़ाद भारत का गीतांजलि में उल्लेख करने पर उन्हें विश्व के सबसे बड़े नोबिल पुरुष्कार से सम्मानित किया था और विश्व के सर्वश्रेष्ठ भारतीय संबिधान की प्रस्तावना में जिस आज़ाद का का नव निर्माण करने का दृढ़ संकल्प लिया गया हैँ . वह आज़ाद भारत आज कहाँ हैँ ?. भारतीय संबिधान में ज़ब मानव – मानव एक समान हैँ और प्रत्येक मानव को भारतीय संबिधान में समान लोकतान्त्रिक अवसर और अधिकार प्राप्त हैँ . तो फिर देश में 80 करोड़ इंसान मात्र 5 किलो राशन पर जिन्दा क्यों और किस लिए हैँ ? उक्त बिचार जागरूक समाज़ दल जसद द्वारा दिल्ली में आयोजित पत्रकार वार्ता को मुख्यअथिति के रूप में प्रिंट – इलेकटॉनिक – शोसल मीडिया के पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए जागरूक समाज़ दल जसद के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष क्रन्तिकारी गौरव सिंह ने व्यक्त किये हैँ .
पत्रकारों के बेहद तीखे – जटिल सबालों का जबाब देते हुए जागरूक समाज़ दल जसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष क्रान्तिकारी गौरव सिंह ने कहा हैँ कि विश्व के सबसे महाविनाशकारी एवं भीषण विषमतामुलक ब्राह्मणबादी आतंकबाद के पोषक – रक्षक – समर्थक आरएसएस द्वारा प्रशिक्षित कट्टर ब्राह्मण – पूँजी – सामन्तबादी आतंकबादियों के गेंग कॉंग्रेस और बीजेपी आरएसएस के सुनिश्चित एजेंडे 10% ” लुटेरों के लिए ! लुटेरों के द्वारा !! लुटेरों का राज़!!! ” सदैव स्थापित करने हेतु शक्ति – सत्ता , पद का भीषण दूरप्रयोग करते हैँ . जिसका भीषण दुष्यंपरिणाम आज हमारे और आपके सामने मौजूद हैँ . 1967 में सम्पूर्ण विश्व की क्रान्तियों का प्रेरणाश्रोत बिहार प्रदेश की धरती पर पैदा झोंपड़ी के अनमोल रत्न एवं शोषित क्रान्ति के लेनिन शहीद जगदेव प्रसाद ने कट्टर ब्राह्मण – पूँजी – सामन्तबादी साम्राज्य और व्यवस्था के खिलाफ कट्टर मानवबादी शोषित इंकलाब और शोषित इंकलाब बादी बिचारधारा के बल पर 1967 से 1972 तक बिहार की सत्ता पर चार बार शोषित दल के नेतत्त्व में कब्ज़ा करके 90% शोषित – बंचित जातियों के सतीश प्रसाद कुशवाहा , बी . पी . मण्डल , दरोगाप्रसाद राय , सरदार हरिहर सिंह , भोला प्रसाद पासवान , जननायक कपुरी ठाकुर को बिहार प्रदेश का मुख्यमंत्री बना कर एवं 90% शोषित – बंचित जातियों और इंसानों को शासन – प्रशासन आदि में 95% सुनिश्चित भागेदारी देकर बिहार प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन करते हुए मानवबादी साम्राज्य और व्यवस्था स्थापित करके लुटेरा वर्ग के पराक्रम -प्रताप – पुरुषार्थ को खुली चिनौती दी . तो केंद्र की सत्ता पर काबिज़ कॉंग्रेस के नेतत्त्व बाली तत्कालीन ब्राह्मण प्रधानमंत्री इन्द्रा गाँधी ने बिहार प्रदेश की तत्कालीन सरकार के सारक्षण बिशेष में ब्राह्मणबादी पुलिस अधिकारी द्वारा शोषित क्रान्ति जनआंदोलन में हजारों लोगों की मौजूदगी में 5 सितम्बर 1974 को कुर्था अरवल बिहार में गोली मरबा कर शहीद बना दिया था . हम और हमारा जसद कट्टर मानव – वैज्ञानिक समाज़ , सम्यक बहुजन – लोकहितकारी सामाजिक न्याय , शोषित इंकलाब बादी लक्ष्य को प्राप्त करने एवं बिहार प्रदेश में पुनः शोषित राज़ स्थापित करने हेतु प्रत्येक स्तर की कुर्बानी देने और लेने की अवरण – असीमित क्षमता रखते हैँ . हम और हमारा जसद किसी पर न तो जुल्म करना चाहते हैँ और अब न ही किसी का भी किसी भी प्रकार का जुल्म बर्दास्त करने को तैयार हैँ .
प्रिंट – इलेकटॉनिक – शोसल मीडिया के पत्रकारों के सबालों का जबाब देते हुए जसद के संस्थापक क्रान्तिकारी गौरव सिंह ने कहा हैँ कि अभी तो हम लोकतान्त्रिक ढंग से आरएसएस द्वारा प्रशिक्षित – पोषित , समर्थित – नियंत्रित राष्ट्रीय – क्षेत्रीय राज़नैतिक दलों , इनके प्रमुखों , नेताओं और इनके नेतत्त्व में बनने बाली प्रदेशों एवं केंद्र सरकारों को समझा रहे हैँ और 90% शोषित – बंचित जातियों और इंसानों को जनसंख्या और जरूरत के अनुपात में नब्बे स्थान प्रति सैकड़ा सुनिश्चित भागेदारी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में देने की सलाह इन्हें दे रहे हैँ . अगर समय रहते शोषित – बंचित जातियों और इंसानों को उनके बाज़िब लोकतान्त्रिक हक़ – हकूक – हकूमत के अवसर और अधिकार लुटेरा वर्ग नहीं देता हैँ . तो फिर शोषित – बंचित जातियों और इंसानों द्वारा जागरूक समाज़ दल जसद के झंडे के साथ जसद के नेतत्त्व में लुटेरा वर्ग से अपने बाज़िब हक़ – हकूक – हकूमत छीन लेंगे . अब फैसला खुद लुटेरा वर्ग को करना हैँ . कि वे आखिर चाहते क्या हैँ ?