पटना 30 दिसंबर 2024

बिहार में महिला सशक्तिकरण की चर्चा करते हुए जद (यू0) राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में राज्य की महिलाएं राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक तौर पर सशक्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि साल 2005 में सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक तौर पर समृद्ध करने के लिए कई क्रांतिकारी फैसले लिए। साल 2006 में उन्होंने पंचायती राज में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की साथ ही साल 2007 में उन्होंने नगर निकाय में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने का काम किया।

नौकरियों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने हेतु सरकार के सभी सरकारी सेवाओं/संवर्गों के सभी स्तर एवं सभी प्रकार पदों पर सीधी नियुक्ति में महिलाओं को 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया गया। साथ ही प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन/नियुक्ति में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर राज्य सरकार की कोशिशों के चलते साल 2001 की जनगणना में राज्य की महिलाओं की साक्षरता दर में 20 प्रतिशत की दशकीय वृद्धि दर्ज हुई, जिसके कारण बिहार को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। महिलाओं में साक्षरता दर में वृद्धि का सीधा प्रभाव जनसंख्या के स्थिरीकरण पर पड़ा। वर्ष 2005 में बिहार का कुल प्रजनन दर 4.3 था जो अब घटकर 2.9 हो गया। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि साल 2007 में बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन परियोजना यानि ‘जीविका’ को प्रारंभ किया गया। जीविका के तहत स्वयं सहायता समूह में आच्छादित परिवारों की संख्या वर्तमान में 1 करोड़ 30 लाख हो गई है एवं 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने साल 2016 में सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को विशेष तौर पर 35 फीसदी आरक्षण देने का काम किया। आज इसी का परिणाम है देश में सबसे ज्यादा महिला पुलिसकर्मियों की तादाद बिहार में है। वहीं बिहार देश का पहला राज्य है जहां महिला पुलिस बटालियन का गठन किया गया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में ‘सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना’ के तहत महिला अभ्यर्थियों को संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर लिखित परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी के लिए राज्य सरकार द्वारा एक लाख रुपए और पचास हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है जिससे बड़ी तादाद में महिलाओं को लाभ मिल रहा है। महिलाओं के बीच उद्यमिता/स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2021 में ‘मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना’ लागू किया गया है। जिसकी मदद से महिलाएं आसान शर्तों से बैंकों के ऋण की मदद से स्वरोजगार कर रही हैं और सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गेम चेंजर योजना मुख्यमंत्री ‘बालिका साइकिल योजना’ तथा ‘मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना’ से स्कूलों में लड़कियों के नामांकन में भारी इजाफा हुआ। माननीय नीतीश कुमार की सरकार ने मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रस्तावित स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में नामांकन में 33 प्रतिशत सीट लड़कियों के लिए आरक्षित करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया और ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है।

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