पटना 04 फ़रवरी 2025
बिहार विद्यापीठ के देशरत्न राजेंद्र प्रसाद शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में दिनांक 3 फरवरी 2025 को वसंतोत्सव के पावन अवसर पर विद्या, कला एवं संगीत की अधिष्ठात्री देवी माता सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना कर विधिवत पूजन एवं आराधना का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम देशरत्न सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें बिहार विद्यापीठ के अध्यक्ष श्री विजय प्रकाश, सचिव डॉ. राणा अवधेश, वित्त सचिव डॉ. नीरज सिन्हा, निदेशक डॉ. मृदुला प्रकाश,महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पूनम वर्मा, ए आई सी बिहार विद्यापीठ के सी ओओश्री प्रमोद कुमार कर्ण संयुक्त सचिव अवधेश के. नारायण समस्त प्राध्यापकगण, बी.एड. डिग्री पाठ्यक्रम एवं डी.एल.एड. प्रशिक्षु तथा बिहार विद्यापीठ के गणमान्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण, शंखनाद, एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। उपस्थित श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से मां सरस्वती की आरती एवं स्तुति गान कर विद्या, बुद्धि एवं कला के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की। इसके उपरांत सारस्वत यज्ञ के माध्यम से देवी सरस्वती से ज्ञान के प्रकाश को प्रसारित करने की कामना की गई। वसंतोत्सव की इस पुण्य बेला में विधिवत प्रसाद वितरण एवं सामूहिक सहभोज का आयोजन भी किया गया, जिसमें सभी शिक्षकों, प्रशिक्षुओं एवं कर्मचारियों ने श्रद्धापूर्वक भाग लिया। इस पावन आयोजन को सफल बनाने में सभी सहायक प्राध्यापक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सहायक प्राध्यापक डॉ रीना चौधरी, चन्द्र कान्त आर्य, एवं सुधीर पाठक के समन्वयन में सरस्वती पूजा एवं वसंतोत्सव का सफल आयोजन किया गया। सरस्वती पूजा समिति के कोर दल के सदस्यों में अमरजीत कुमार, नीतीश कुमार, आशीष कुमार, रोशन कुमार, विवेक कुमार ,अंकित अंबिकेश के नेतृत्व में छः कार्यकर्ताओं का दल गठित किया गया था। इन सभी प्रशिक्षणार्थियों की सक्रिय भागीदारी ने समग्र कार्य क्रम को सफल बनाया।यह कार्यक्रम शैक्षिक परियोजना के रूप प्रशिक्षणार्थियों के द्वारा कार्यक्रम प्रबंधन तथा भारतीय संस्कृति के उन्नयन की दृष्टि से किया गया।

वसंत पंचमी का पर्व न केवल ऋतुराज वसंत के आगमन का संकेत देता है, बल्कि यह ज्ञान, विद्या, संगीत एवं कला की देवी मां सरस्वती की आराधना का विशेष दिन भी है। यह पर्व समस्त शिक्षण संस्थानों एवं ज्ञान के साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। मां सरस्वती को विद्या, विवेक, वाणी एवं बुद्धि की देवी माना जाता है। उनकी कृपा से ही व्यक्ति में ज्ञान, सृजनशीलता एवं तर्कशीलता का विकास होता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर विद्यार्थी अपनी अध्ययन यात्रा को और अधिक सार्थक बनाने का संकल्प लेते हैं। वसंतोत्सव न केवल धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि यह प्राकृतिक परिवर्तन का भी प्रतीक है। इस ऋतु में प्रकृति नवसृजन करती है, चारों ओर हरियाली और पुष्पों की सुंदरता मन को आह्लादित कर देती है। यह मौसम सृजन, उल्लास और नवचेतना से भरपूर होता है। इसी कारण इस दिन साहित्य, संगीत, कला एवं शिक्षा से जुड़े लोग विशेष रूप से देवी सरस्वती की आराधना कर अपने ज्ञान के पथ को और अधिक प्रखर बनाने की प्रेरणा लेते हैं।
बिहार विद्यापीठ, देशरत्न राजेंद्र प्रसाद शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय द्वारा आयोजित यह वसंतोत्सव एवं सरस्वती पूजन न केवल आध्यात्मिक चेतना का संचार करता है, बल्कि यह समस्त शिक्षक, प्रशिक्षु एवं विद्यार्थियों को एक सांस्कृतिक एवं बौद्धिक समागम के माध्यम से जोड़ने का कार्य भी करता है। इस भव्य आयोजन की सफलता के लिए महाविद्यालय परिवार समस्त प्रतिभागियों एवं सहयोगियों का हृदय से आभार व्यक्त करता