पटना, 18 जून, 2024

जिन्होंने आजादी की लड़ाई नहीं देखी वे भाजपा सरकार में गुलामी की प्रक्रिया देख रहे हैं। राष्ट्रभक्ति का स्वांग भरने वालों को मैं कहना चाहता हूँ कि स्वतंत्रता सेनानियों की जिन्दगी से सीख लेकर इसकी परिभाषा को समझें और अनुकरण करें। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार विभूति डा0 अनुग्रह नारायण सिंह की 136वीं जयन्ती के अवसर पर ये बातें कही। वे पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में मंगलवार को आयोजित महान स्वतंत्रता सेनानी एवं बिहार के प्रथम वित्तमंत्री अनुग्रह बाबू के जयन्ती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अनुग्रह बाबू उन बिरले विभूतियों में थे जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई भी लड़ी और आजादी के बाद राष्ट्र निर्माण में अपना अनूठा योगदान दिया। बिहार के प्रथम वित्तमंत्री के तौर पर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डा0 श्रीकृष्ण सिंह के साथ आधुनिक बिहार की पटकथा लिखी।

डा0 सिंह ने कहा कि अनुग्रह बाबू स्पष्ट वक्ता थे तथा सादा जीवन उच्च. विचार की प्रतिमूर्ति थे। उनका दरबाजा गरीबों, पिछड़ों तथा असहायों के लिये हमेशा खुला रहता था।

उन्होंने कहा कि अनुग्रह बाबू स्वतंत्रता आन्दोलन के संग्राम में महात्मा गाँधी के नेतृत्व में डा0 राजेन्द्र प्रसाद, स्व0 ब्रजकिशोर प्रसाद, मौलाना मजहरूल हक, डा0 श्रीकृष्ण सिंह जैसे नेताओं के साथ कंधे-से-कंधे मिलाकर देश की स्वाधीनता की लड़ाई लड़ी।
आज कृतज्ञ राज्य अनुग्रह बाबू के योगदान को स्मरण कर उनके चरण में शत-शत नमन कर रहा है।
इसके पूर्व डा0 अनुग्रह नारायण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।

जयन्ती समारोह में कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता डा0 मदन मोहन झा, डा0 समीर कुमार सिंह, लाल बाबू लाल,आनन्द माधव, दिनेश कुमार, उदय शंकर पटेल, प्रदुमन कुमार, राहुल पासवान, सुदय शर्मा, विश्वनाथ बैठा, राजनन्दन कुमार,राज छविराज, निधि पाण्डेय, अमित यादव, मो0 अबदुल बाकी, संतोष कुमार, सत्येन्द्र सिंह, मृत्युंजय कुमार सिंह ने भी भाग लिया एवं अनुग्रह बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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