पटना 03 अक्टूबर 2024

बिहार जद(यू0) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि आबकारी अधिनियम के तहत गांधी जयंती के दिन देशभर में शराब की खरीद-बिक्री पर पूर्णतः प्रतिबंध रहता है और ऐसे मौके पर जनसुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर द्वारा बिहार से शराबबंदी कानून हटाने की बात कहना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का राजनीतिक अपमान है। उन्होंने इस तरह का वक्तव्य देकर पूज्य बापू की आत्मा के साथ-साथ जनभावनाओं को भी गहरा ठेस पहुंचाया है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शराबबंदी कानून से महिलाओं के विरुद्ध हो रहे घरेलू हिंसा में काफी कमी आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार शराबबंदी लागू होने से यौन हिंसा के मामलों में 21 लाख (3.6 फीसदी) की गिरावट दर्ज की गई है लेकिन प्रशांत किशोर को सामाजिक सुधार के विषयों से कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी शराब के सेवन को एक सामाजिक बुराई मानते थे इसलिए हमारा सीधा प्रश्न है कि क्या प्रशांत किशोर शराबबंदी को खत्म कर प्रदेश में सामाजिक दुर्गंध फैलाना चाहते हैं? अगर यही उनकी मंशा है तो बिहार की जनता और खासकर महिलाएं इसे कत्तई स्वीकार नहीं करेगी।

उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जनसुराज पार्टी की राजनीतिक आयु 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव तक ही है। उसके बाद उनकी झूठ की दुकानदारी पर स्थायी ताला लग जाएगा। प्रशांत किशोर स्वयं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि उनका अगला ठिकाना कब और कहां होगा। उनकी राजनीतिक विश्वसनीयता हमेशा से सवालों के घेरे में रही है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी सिद्धांत विहीन राजनीति के मुखर विरोधी थे और बिहार बापू की कर्मभूमि रही है, लिहाजा यहाँ प्रशांत किशोर सरीखे मौसमी नेताओं को कभी राजनीतिक सफलता नहीं मिलेगी।

साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी 2025 विधानसभा चुनाव में राजनीतिक छुरछुरी साबित होगी और बिहार की जनता उन्हें राजनीति का बोरिया-बिस्तर समेटने के लिए मजबूर कर देगी।

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